आपका यह कहना ठीक है कि हर तरह के लोग होते हैं परंतु ऐसे लोग भी हैं जो पालतू जानवर भी रखते हैं और अन्य प्रजाति के जानवरों का माँस भी बड़े चाव से खाते हैं! तो क्या वे अपने पालतू जानवर से प्रेम नहीं करते? क्या वे किसी और द्वारा पाले गए अन्य प्रजाति के जानवर को खाने में जरा भी नहीं हिचकेंगे?
जो आपने शिकारी कुत्ते का उदाहरण दिया है, उस विषय पर मेरा मानना है कि शिकारी कुत्ता एक पालतू जानवर के रूप में नहीं रखा जाता बल्कि एक व्यावसायिक उद्देश्य से रखा और इस्तेमाल किया जाता है। अतः उससे उसके स्वामी को कोई विशेष आसक्ति नहीं होती है। ज़रुरत पड़ने पर वह शिकारी कुत्ते को भी मार सकता/ती है।
प्रश्न यह है कि एक जानवर को पालने वाला, उससे प्यार करने वाला व्यक्ति अन्य जानवर को खाने में क्यों नहीं झिझकता? कौनसा जानवर खाने के लिए है और कौन पालने के लिए है, इसके मानदंड क्या हैं?