SUPERSTAR
PART - III
नमस्कार दोस्तों......
मै फिर से हाजिर हु आपके सामने "सुपरस्टार" का तीसरा भाग लेकर.. आशा करता हु कि आपको कहानी का पिछला भाग पसंद आया होगा.. इस बार थोड़ी देर हो गयी.. क्यों की मुझे टाइम ही नहीं मिल पा रहा था.. अब टाइम मिला है तो मै आपके सामने हाजिर हु..
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आपने पिछली कहानी में पढ़ा था कि साक्षी की शादी तय हो जाती है.. और उसकी सगाई का समय भी आ जाता है.. .. और एक दिन अचानक....
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साक्षी के मम्मी और पापा दोनों अक्षय के घर आ जाते है.. अक्षय दरवाजा खोलता है..
अक्षय - नमस्ते अंकल
साक्षी के पापा- नमस्ते, पापा कहा है तुम्हारे..
अक्षय - वो अंदर बैठे है...... अंकल देख तो ऐसे रहे थे अक्षय को..... जैसे कच्चा ही चबा जायेगे..
और अक्षय भी डरा हुआ था की पता नहीं ये यहाँ पर क्यों आये है.. कही ये पूरी बात पापा को ना बता दे.. पर अक्षय कर भी क्या सकता था.. सिर्फ उनकी बाते सुन ही सकता था.. तो वह उनकी बाते सुनने लगा...
ऊपर से आंटी भी अक्षय को घूरे जा रही थी तो अक्षय जा कर एक कोने में खड़ा हो गया.. और सबकी बाते सुनने लगा..
भूपेंद्र ( साक्षी के पापा ) - अरे मनोहर जी.. मेरी बेटी की शादी आ गयी है... .. 2 दिन बाद की शादी है... आपको पुरे परिवार के साथ आना है.. भूपेंद्र जी ने अक्षय की तरफ देखकर कहा....
मनोहर - जी बिलकुल आउगा.. हम सभी आएंगे... क्यों सावित्री, चलेंगे ना..
सावित्री (अक्षय की माँ) - हां हां, क्यों नहीं अपनी साक्षी बिटिया की शादी है.. हम कैसे नहीं आएंगे...
इतने में मनोहर जी ने अक्षय को बुलाया और शराब लेने भेज दिया..
अक्षय शराब लेने चला गया.. तो उसने खुद के लिए भी ले ली.. और पीने लगा..
वो सोच रहा था की जब शादी किसी और से हो रही है तो फिर मुझे बुलाने की क्या जरुरत थी.. मै कैसे देख सकता हु उसे किसी होते हुए.. जो कभी मेरी थी.. जिसके साथ मैंने कभी ज़िंदगी बिताने के सपने देखे थे.. उसे किसी और का होता हुआ मई कैसे देख सकता हु... वो घर पहुँचा जब तक वो सब जा चुके थे.. तो अक्षय भी अपने रूम में जाकर सो गया.... पर उसकी आखो में नींद ही कहा थी, बस साक्षी के बारे में ही सोचे जा रहा था..
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अब शादी को सिर्फ एक दिन बचा है.. सावित्री अक्षय को बुला कर कहती है..
सुनो बेटा, आज तुम्हारा खाना भूपेंद्र जी के यहाँ है.. तुम आज वहां आज शादी की तैयारी करवाना, और आज शाम का खाना भी तुम्हारा वही पर ही होगा.......
अब अक्षय को ये बात भी माननी ही पड़ी क्यों की वो कह भी क्या सकता था..
फिर फ्रेश होकर अक्षय साक्षी के घर चला गया.. और शादी के काम करबाने में जुट गया.. वो तो बस साक्षी से नजरे छुपाने के लिए ऐसा कर रहा था... पर वो नहीं जानता था की साक्षी ने ही उसे बुलाया है..
इतने में वह साक्षी भी आ जाती है..
साक्षी- अक्की, मुझे तुमसे क्या तुम मेरी थोड़ी से दोगे।
अक्षय- ठीक है, फिर साक्षी अक्षय को अपने साथ ले जाती है..
अक्षय- हां बोलो, क्या काम है...
साक्षी- कुछ नहीं बस तुमसे आज जी भर के बात करनी थी ,,,
अक्षय- मै भी अच्छा फसा हु यार, जिससे मेरी शादी होने वाली थी उसे किसी और के साथ विदा करने की तैयारी कर रहा हु.. इतना क्यों तड़पा रही हो यार मुझे.. इससे अच्छा तो मुझे प्यार से जहर दे देती तो अच्छा होता...
साक्षी- श्श्श्श ऐसा मत बोलना अब, तुम नहीं जानते तुम्हारी जान की मेरे लिए क्या कीमत है... और फिर रोने लगती है.. ..
अक्षय- ऐसी ज़िंदगी का भी क्या फायदा, जिसमे तुम ना हो..... अब तो लगता है मौत भी रूठ गई है मुझसे.. तभी तो वो भी वेवफाई कर रही है आज मुझसे..
साक्षी- पता है अक्षय, आज मैंने तुम्हे आज यहाँ क्यों बुलाया है... ताकि आज मई पूरी कसार निकल दू ज़िंदगी की..
आज मै हर पल, हर लम्हा तुम्हारे साथ बिताना चाहती हु...
अक्षय- तुम्हारे पापा जान ले लगे मेरी... बैसे भी तो ऐसे देखते है, जैसे मार डालेंगे..
साक्षी- आज घर पर कोई नहीं है.. सब शादी की शॉपिंग करने गए है.... रात तक ही वापिस आएंगे..
अक्की तुम्हे याद है जब हम पहली बार मिले थे तब तुम मेरा पीछा कर रहे थे..
अक्षय - हां, और तुमने मुझे चाटा मारा था...
साक्षी- हां पर तुम भी कम नहीं थे.. तुमने भी तो मुझे धोके से मेरी दोस्त से ही लड़बा दिया था..
अक्षय - हां पर कितने अच्छे थे वो दिन..
साक्षी- वो याद है जब तुमने मुझसे पहली बार प्यार का इज़हार किया था..
अक्षय- हाँ उसे कैसे भूल सकता हु.. जब हमारी दोस्ती हो गयी थी.,, और मैंने तुम्हे अचानक प्रपोज़ कर दिया था.. और तुमने भी एक दम से मना कर दिया थाम ये कहते हुए कि हम सिर्फ दोस्त है.. तुमने कितनी इंसल्ट की थी मेरी उस दिन....
दोनों हसने लगते है...
साक्षी- क्या तुम मुझे बैसे ही एक बार और प्रपोज़ कर सकते हो...
अक्षय- अब ये मुझसे नहीं हो पायेगा
साक्षी- एक बार मेरे लिए
अक्षय- तुम हर बात मनवा ही लेती हो मुझसे...
फिर अक्षय साक्षी को प्रपोज़ करता ही.....
अक्षय- इज़हार करना नहीं आता, पर इतना समझ लो की ये ज़िंदगी तुम्हारे बिना कुछ नही
प्यार तुमसे इस कदर करने लगा हु..... अगर तुम न मिली तो ये ज़िंदगी भी नहीं...
फिर अचानक अक्षय रोने लगता है.. ये शायद प्यार ही तो था जो उन्हें अभी तक एक बंधन में बांधे हुए था...
फिर दोनों ऐसे ही पुरानी यादो में खो जाते है.. कभी एक दूसरे को तकिये से मारने लगते है,,, तो कभी गले लग जाते है.. ऐसे ही खेल खेल में वो पूरा समय बिता देता है,,,
अब अक्षय घर जाने के लिए तैयार होता है...
साक्षी उसका हाथ पकड़ लेती है.. मत जाओ मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती..
अक्षय- तो फिर चलो मेरे साथ.. हम कही दूर चलते है यहाँ से... आज मौका भी है..
साक्षी- पर मैं अपने पापा को धोखा नहीं दे सकती
अक्षय- हां पर अपने आप को धोका दे सकती हो ना
साक्षी- अक्की.. मेरी एक बात मानोगे..
अक्षय- हां बोलो.. अब कौन सी बात और रह गयी है, तुम्हारे मन में...
साक्षी- तुम रुको, मै अभी 5 मिनिट में आती हु..
अक्षय- ठीक है.. पर बात क्या है,, वो तो बता जाओ..
साक्षी- मै चाहती हु की मुझे शादी के जोड़े में सबसे पहले तू'म देखो...
अक्षय - नहीं मै ये नहीं देख सकता। ..
साक्षी- मेरी आखरी ख्वाहिस समझ कर ये बात मान लो,
अक्षय- आखिर ख्वाहिश
साक्षी- मेरा मतलब है कि अब मै किसी और की पत्नी बन जाऊगी तो इसलिए बोल रही हु..
अक्षय- ठीक है
साक्षी शादी का जोड़ा पहन कर आ जाती है..
साक्षी - कैसे लग रही हु मै ,,,
अक्षय- छुरी घोप दी सीने में,,,, और पूछ रहे हो की दर्द तो नहीं हुआ....
साक्षी- मतलब
अक्षय- मतलब, बहुत अच्छी लग रही हो.. इतना कह कर अक्षय वहा से निकल जाता है..
अक्षय का मन बहुत बेचैन था वो समझ नहीं पा रहा था की वो क्या कर रहा है,, और क्यों कर रहा है.. जिसको खुद के लिए जोड़े में देखना था.. उसको किसी और के नाम के जोड़े में देख रहा है...
वो समझ नहीं पा रहा था की आखिर उसे हो क्या गया है, बस गुमशुम सा मुँह लटकाये हुए घर आया, और रूम में बंद हो गया....
फिर साक्षी की शादी का दिन भी आ गया.. अक्षय के मम्मी पापा दोनों जा चुके थे.. और अक्षय भी जाने वाला ही था... उसका मन तो नहीं था जाने का.. फिर भी जा रहा था.. इतने में उसके चाचाजी आ गए..
चाचाजी- अक्की बेटा, तुम्हारे पापा कहा है..
अक्षय- चाचाजी, वो तो शादी में गए है, आपको कुछ काम था क्या उनसे..
चाचाजी- हाँ ज्यादा कुछ नहीं.. बस ये 50000 रुपए मैंने उनसे लिए थे, बस वो ही वापिस करने आया हु.. तुम उनको दे देना, और बता देना...
अक्षय- ठीक है चाचा जी.. मै बोल दुगा उनको...
इसके बाद चाचाजी अक्षय पैसे दे कर चले गए.. और अक्षय ने उनको जेब में ही रख लिया.. और शादी के मंडप की और चल दिया..
पर वो रस्ते में ही एक बार में चला गया और वहा से उसने शराब की बोतल ली और उसे पिने लगा.. वो बस शराब पिए ही जा रहा था. उसे बिलकुल भी होश नहीं था.... बस शराब के नशे में ही चूर था वो... वो बार से निकलने वाला ही था, पर नशा इतना ज्यादा बढ़ चूका था की वो चल ही नहीं पा रहा था.. और वो अचानक गिर पड़ा..
बस वो फिर वही बेहोश हो गया..
सुबह जैसे ही अक्की को होश आया, तो वह वही बार में ही पड़ा था.. वह उठा.. और वह से निकल गया.. उसने अपना मोबाइल में देखा तो साक्षी की 50 मिस्ड काल पड़ी थी.. और एक वॉइस मेल था.. ... अक्की के हाथ काँप रहे थे, फिर उसने वो वॉइस मेल खोला .........
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बैसे तो आप समझ ही गए होंगे की उस वॉइस मेल में क्या हो सकता है.. .... पर फिर भी थोड़ा बहुत सस्पेंस ना रहे कहानी में तो वो फिर स्टोरी जैसी नहीं लगती.....
मिलते है जल्द ही.. इस स्टोरी को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये.... मिलते है जल्दी ही स्टोरी के अगले भाग में...
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