एक नवीन अनुसंधान में पाया गया है कि प्लास्टिक का कचरा बहुत ही गंदे तरीके से हमारे पृथ्वि के समुद्री तटों पर आकर इकट्ठााहो रहा है जिससेे समुद्रों में रहने वाले जीवन को नुकसान हो रहा है। यही हाल रहा तो वो समय दूर नहीं है कि समुद्र नीले दिखाई देने की जगह अलग-अलग रंग में दिखाई देंगे और उनसे निकलने वाला कचरा हमारे समुद्रो में रहने वाली मछलियों और जलीय प्रजातियों को निगलने में पीछे नहीं रहेगा और यह धीरे धीरे समुद्रों को खत्म करके उसके बाद हमारी पृथ्वि के समुद्री तटों को प्ला स्टिक से भर देगा और इंसानों के लिए जो प्ला स्टिक समुद्रों में फेंक रहे हैं उन्हेंथ ही इसका अंजाम भुगतना होगा।
शोधकर्ताओं को इन सूक्ष्म प्लास्टिक के कणों का पता सिंथेटिक कपड़ों से चला है जो हर धुलाई में कम से कम 1900 सूक्ष्म रेशे पानी में छोड़ते हैं.
इसके पहले के शोध में ये पाया गया था कि एक मिली मीटर से भी छोटे प्लास्टिक के रेशों को आमतौर पर जानवर खा लेते हैं जिससे वो उनकी खाद्य श्रृंखला का हिस्सा बन जाता था.
ये जानकारी 'इनवायरनमेंटल साइंस और टेक्नॉलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुई है.
इस शोधपत्र के सहलेखक मार्क ब्राउन के अनुसार,''हमारे पहले के शोधकार्य में ये पाया गया था कि हमारे वातावरण में जितने भी सूक्ष्म कण पाये जाते हैं उनमें से 80 प्रतिशत प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं.''
वे कहते हैं इस खोज ने हमें ये पता लगाने को प्रेरित किया कि आख़िर ये प्लास्टिक के सूक्ष्म कण किस तरह के हैं और कहां से आते हैं।
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