Ek ghazal

in #prameshtyagi7 years ago

IMG_20170721_170858.jpg

गहरी - गहरी काली आँखें
नटखट - सी मतवाली आँखें

चंचल - सी मदमस्त नशीली
ज्यूँ मदिरा की प्याली आँखें

जाने कितनी बातें हो लीं
आँखों में जब डाली आँखें

पलकें यूँ झपकाती , मानो
जगमग दीप, दीवाली आँखें

मैंने पूछा - क्या लगता हूँ
उसने जरा झुकाली आँखें

तुम से सब रौशन है 'अंशु'
तुम बिन खाली-खाली आँखें

Sort:  

Wah kya baat h

Thanks deedak ji

Bhi mai new hun steemit par,kya aap meri help kar sakte ho or kya bata sakte ho ki kya system h iska,apna whats app no dedo ya phir mere no. H 7027358302,apna no. Comment me ya mere whats app par send kar diyo bhi.