Hello friends Today I'm going to present my sixth poem . It was written on August 1.
This is written in Hindi..
पन्द्रह अगस्त है पन्द्रह दिन,
वीरों ने प्राण गवांये जिस दिन,
भारत को जिस दिन मिली स्वतंत्रता,
स्वतंत्र भारती कहलाये जिस दिन,
कितने बच्चे अनाथ हुये थे,
कितनो के घर बर्बाद हुये थे,
माँओं ने लाल गवांयें जिस दिन,
पन्द्रह अगस्त है पन्द्रह दिन,
सन्दीप कोटि प्रणाम करे उस दिन को,
वीर शहीद कहलाये जिस दिन,
पन्द्रह अगस्त है पन्द्रह दिन,
Tell me how this poem is..