ये तस्वीर पिछले रविबार की है जब मैं उत्तराखंड गया था वहाँ पर मेरे साथ मेरे कुछ दोस्त भी गए थे
हम लोग वहां पर दो दिन रुके थे बो दिन मानो मेरी ज़िन्दगी के सबसे खूबसूरत दिन थे उन दो दिनों में मैंने मानो अपनी पूरी ज़िन्दगी जी ली हो क्युकी मैंने वहां बहुत ही मज़ा किया था उस जगह पर बहुत ही शांति थीइस शहर की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी से बहुत ही दूर मानो मैं प्रकृति की गोद में बैठा हुआ था.
वहां पर बैलों से खेत की जुताई हो रही थी. मुझे देखने में ये काम बहुत सरल लगामुझे लगा ये काम तो मैं भी बहुत आराम से कर सकता हु ये समझ कर मैंने फिर खेतों की जुताई शुरू कर दीबस दो ही मिनट हुए और मैं थक के चूर हो गया मैं पूरी तरह से पसीने में नहा चुका था उस दिन मुझे एहसास हुआ कि जो खाना हम नालियो या कूड़े में युही फेक देते है उसका एक दाना उगाने में कितनी मेहनत लगती है
और पूरी तरह थक जाने के बाद लगा मुझे अब नहा लेना चाहिए ये सोच कर मैं सामने बह रहे पानी की तरफ चला गया पानी बहुत ही साफ़ था .और साथ ही साथ बहुत ही ठंडा था मैं और मेरे दोस्त काफी समय तक वहां नहाए
तब तक हम लोगो के लिए खाना तैयार हो चूका था हमने वहीँ बैठ कर खाना खाया . खाना बहुत ही अछा बना.हुआ था हम लोगो का पेट पूरी तरह से भर चूका था फिर हम लोग घर आ कर सो गये बो घर हमारा नहीं था.वो हमारे मामा जी का घर था लकिन उस घर में हम लोगो को कुछ पराया सा अनुभब नही हुआ .लगा ये तो सब अपना अपना सा है शाम को हम लोग जंगल की तरफ निकल पड़े वहाँ हम लोगो ने एक हाथी देखा .उस समय मैं काफी डर गया था .मुझे लगा अगर एक है तो कोई बात नहीं लकिन अगर हथियो को झुण्ड हुआ को काफी दिक्कत हो सकती है.क्युकी ये अध्कितर झुंड में घूमते है लकिन जब हम लोगो ने अपने मामा जी की बात सुनी तो हम लोगो की जान में जान आयी उन्होंने कहा कि अगर हाथी के कान बैठे हो तो डरने की जरुरत नही है .लकिन अगर उसने कान खड़े हो तो उसके सामने नहीं जाना चाहिए ये बात मुझे वहीँ पर जाकर पता लगी रात काफी हो चुकी थी .हम लोगो ने रात का खाना खाया और गप्पे मारने बैठ गये रात को देर से सोए तो आँख भी देर से खुली सुबह उठे तो देखा बड़ी तेज़ बारिश हो रही थी हमने नहाया और पेट भर कर नाश्ता किया लकिन बारिश तो रुकने का नाम ही नही ले रही थी और हमे अपने घर भी निकलना था.फिर क्या था हम लोगो ने अपनी गाडिया उठाई.और अपने मामा जी को नमस्ते कहा .और घर की और निकल पड़े
तो दोस्तों ये थी पिछले सन्डे की कहानी आशा करता हु आपको ये पसंद आई होगी
Thanks for sharing your experience of calmness in rural.,
feel good that you wrote in hindi
@cleverbot
Ji Bhai is blog ko tayar krne me 2 ghante lag gye
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Hello @cleverbot
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@satish1730 hAppy holidays
@cleverbot
Wah maja aa gya.
Ji Bhai mujhe bhi bahut maza aaya tha
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Bahut hi acchi apki kahani lagi..ati sundar
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Thanks
Kyu
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Well written in hindi bro
Thank for sharing amazing pick bro keep posting awesome post broo
What a healthy place with full of oxygens..
Good work bro. Keep sharing your experience.
I don't know how to write hindi but pictures are nice, seems like rural calmness and beauty.
Nice blog ,
https://steemit.com/general/@sdas/first-in-world-you-may-not-know
nice blog. up voted to you.
आप ने हिन्दी में आर्टिकल लिखा बहुत अच्छा लगा
This stone is situated in very nice place. It looks so good and made your pic nice.
Bhot e khoobsurat photography h bhaii
thank u for sharing that
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Very beautifully explained the beauty of uttarakhand.
bhai apna uttarakhand bahut mast jgh hai. har jgh ghumne ke layak hai.
but achhe politicain ki kmi ke karan . sb bekar hai
Wow so amazing click.