My friend Imran
लिखने वाले ने क्या खूब लिखा है....
गलतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नहीं...।।
तू मुझे औऱ मैं तुझे इल्जाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही..।।
गलतफमियों ने कर दी दोनो मे पैदा दूरियां,
वरना बुरा तूभी नही, मैं भी नही....।।
Congratulations @lmmover! You have completed some achievement on Steemit and have been rewarded with new badge(s) :
Award for the total payout received
Click on the badge to view your Board of Honor.
If you no longer want to receive notifications, reply to this comment with the word
STOP
To support your work, I also upvoted your post!