बाईबल में वर्णित वृतांत से भी यही स्पष्ट होता है कि प्रतियोगी मानसिकता अवांछित परिणाम लाती है। बाईबल यह नहीं कहता कि सर्प ने जो किया वह उचित था।
अतः मेरा इतना ही निवेदन है कि हमें एक ऐसी प्रणाली विकसित करने का प्रयास करना चाहिए जिससे हम अनावश्यक प्रतिद्वंदिता का शिकार होने से बच सके।