आज की पीढ़ी स्वतंत्रता चाहती है ,संस्कारो को ढ़ोंग मानती है ,और भौतिकता में ही जीना चाहते है ,ऐसा करने से शयद एक दिन हमारे संस्कार बहुत कम देखने को मिलेंगे,हम सभी को मिल कर इनको बचाना चाहिए और इनके महबत को अगली पीढ़ी को बताना चाहिए.
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ये बात आपने बिलकुल सही कही है लेकिन समस्या यहाँ पर ये है की चाहता तो हर कोई है की ऐसा हो लेकिन सुरुआत कोई नहीं करता है