ऋषि मुनिओ ने हमें आनंद और सुख के बारे में बताया है और दोनों में से हमे किसे चुनना चाहिए इसके बारे में भी बताया लेकिन हम लोगो में ईर्ष्या है,जो कि दूसरों को बढ़ते हुए नहीं देख सकती ,और इसलिए हम केबल सुख को चुनते है आनंद को नहीं,आनंद तो हमेश ही दूसरों की भलाई में ही है.
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