सही बोले मेहता जी
और एक बात क्रोध आता नही क्रोध करते हैं हम
जहा अपना जोर चलता है
जैसे हम अपने बिवी बच्चों पे क्रोध करते हैं पर अपने बॉस पे नही।
यहाँ हर कोई अपने से छोटे पे क्रोध जानबूझकर करता हैं
ये ज्यादातर अपने रिश्तेदारों पे होता है
इसलिये रिश्तों में कड़वाहट आ जाती हैं
सुक्रिया
संचय कुमार
So true dear .👍👍
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