आज एक युग में मनुष्य एक अंधेरी दोड दोड रहा हे उसमे वह सबकुछ भुलता जा रहा हे रिस्तो की एहमियत कम हो गयी हे हर कोई इस दुनिया पर अपना वर्चस्वः कायम करना चाहता हे
You are viewing a single comment's thread from:
आज एक युग में मनुष्य एक अंधेरी दोड दोड रहा हे उसमे वह सबकुछ भुलता जा रहा हे रिस्तो की एहमियत कम हो गयी हे हर कोई इस दुनिया पर अपना वर्चस्वः कायम करना चाहता हे