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RE: धर्म का प्राणतत्व : विनय (भाग # १) | The Life of Religion : Modesty (Part # 1)

in #life6 years ago
बिल्कुल सही आदमी कितना भी विद्वान क्यों ना हो अगर उसमें विनम्र,विनय की कमी है,तो फिर उसके पास कुछ भी नहीं है।