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RE: जिनवाणी : जीवन और आचरण -- भाग # ३

in #life6 years ago

@mehta " धन के समाप्त हो जाने पर उस रानी तथा उसके लंगड़े प्रेमी को पुन: रस्ते का भिखारी बन जाना पड़ा । अब रानी अपने प्रेमी को अपने कन्धों पर उठाए द्वार-द्वार भटकती फिरती थी । " जो जैसा करता है उसके साथ वैसा ही होता है!