क्रोध जीवन को अंत की तरफ ले जाता है।
और क्षमा जीवन को सरल बनाती है।
अगर हम सच्चे मनुष्य है , तो हमे अपने क्रोध को अपने वष में करना होगा तभी हमारे अंदर क्षमा का भाव आएगा।
नशा एक जीवन का नाश करता है, और क्रोध उस मनुष्य के साथ साथ उसके परिवार का भी नाश करता है।
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सत्य वचन है @priyankar जी.
Mehta ji aap kha se hai and kya krte hai..