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RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (अंतिम भाग # ४) | Happiness : Nature and Thought (Final Part # 4)

in #life6 years ago

ये लो आप भी थोड़े से मजे ले लो.
मुझे हिंदी में थोडा ज्यादा समझ में आता है, English में थोडा हाथ तंग है.

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Kya sir mere maje le rahe Ho...

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हम क्यों किसी के मजे लेने लगे. बस थोड़ा सा मजाक कर रहे थे.
आप को गलत लगा हो तो माफी चाहता हूँ.

Are nhi sir... Majaak to sehat ke lye acha hota hai... Isi se insaan khush rahta hai... So please I am sorry.. Majaak krna kabhi mt chodna

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