Regards to Mehta sir.
सत्य और असत्य एक सिक्के के दो पहलू हैं।
अगर झूठ बोलने से किसी का भला हो जाए या किसी की जान बच जाए तो झूठ ,झूठ नहीं होता।वह सत्य के तर्क की कसौटी पर खरा उतरता है।
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Regards to Mehta sir.
सत्य और असत्य एक सिक्के के दो पहलू हैं।
अगर झूठ बोलने से किसी का भला हो जाए या किसी की जान बच जाए तो झूठ ,झूठ नहीं होता।वह सत्य के तर्क की कसौटी पर खरा उतरता है।