व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए ना कि खुद उनके वश में हो। मनुष्य की असीमित इच्छाये ही उसके पतन का कारण बन सकती है।
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व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए ना कि खुद उनके वश में हो। मनुष्य की असीमित इच्छाये ही उसके पतन का कारण बन सकती है।