इस बार बड़े तौर पर बदलाव की जरुरत है | 4 साल से ज्यादा हो गए 56 इंच का सीना लिए कुर्सी पर
काबिज हुए और बदला तो सिर्फ नोट और ओ भी निकला खोटा, कुछ मीडिया वाले दलाल
बन गए, कुछ नेता रंडीबाज और बलात्कार कर रहे, कुछ शिक्षक के पद लेकर आर्केस्ट्रा
में लाबार बन गए, कुछ बाबा या योगी से संभोगी बन गए और गुंडे को सत्ता और कुर्सी मिल रही, अच्छे काम करने
वाले अपनी लाज बचाने के लिए इस्तीफे दे रहे. बलात्कार और हत्याएं थम नहीं रही.
करोड़ो का बैंक से जनता के पैसे लेकर तड़ीपार हो गए.
यही है इस देश के आगे बढ़ने का और नए बदलाव के 4 साल का इतिहास.