अरे,ऐसा भी क्या अयायावर! बस कुछ दूर ही तो जा रहे हो,जब चाहो तब आते रहना!
हमें देखो,हम बीस बरस के सघनयात्री हैं और एक शहर से विदाई के शोक को हम दो शहरों के बीच सेतुबंधन के कृत्य में परिवर्तित कर चुके हैं
अरे,ऐसा भी क्या अयायावर! बस कुछ दूर ही तो जा रहे हो,जब चाहो तब आते रहना!
हमें देखो,हम बीस बरस के सघनयात्री हैं और एक शहर से विदाई के शोक को हम दो शहरों के बीच सेतुबंधन के कृत्य में परिवर्तित कर चुके हैं