अण्डे का झूठा प्रोपोगेंडा -2 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, भाग – 2, प्रविष्टि – 9]

in IndiaUnited Old4 years ago

क्या अंडा “शाकाहार” हो सकता है?

प्रचार-प्रसार की गिरफ्त में आए अधिकांश भोले-भाले लोग आज अण्डे को शाकाहार मानकर उपयोग करने लगे हैं! ‘वेजिटेरियन’ की तर्ज पर ‘एगीटेरीयन’ शब्द गढ़ा गया ताकि इसका सेवन करने वाले यदि शाकाहारी न कहला पाए तो उन्हें माँसाहारी भी न करार दिया जा सके। यह अण्डे के व्यवसाय से संबंद्ध रखने वालों का बड़ा ही चालबाज़ पूर्ण कुटनीतिक कदम था। अंडा एक शाकाहार है, इसे मनवाया गया; नहीं, तो इतना तो मानना ही पड़ेगा कि ये माँसाहार नहीं है क्योंकि अब एगीटेरीयन जैसा अनोखा शब्द है जो इसे परिभाषित करने के लिए काफी है। यानि कि चित भी उनकी और पट भी उनकी। बेचारा ग्राहक तो व्यवसायियों के इस गुँथे गये जटिल भ्रम-झाल में बुरी तरह उलझ कर रह गया।

तनिक “शाकाहार” की परिभाषा पर शांति से विचार करोगे तो इतना तो आसानी से स्पष्ट हो जायेगा कि अण्डे किसी वनस्पति से प्राप्त नहीं होते अपितु एक पशु-उत्पाद है। और जो “शाक” से प्राप्त नहीं होता वो शाकाहार कैसे हो सकता है? सन् 1850 में प्रकाशित लंदन मेडिकल जर्नल ने इस विषय पर अपने 22 पृष्ठों के एक विश्लेषण में उल्लेख किया है:

“...हमने पता लगाया है कि तथाकथित शाकाहारी कहें जाने वाले लोग (जो दुग्ध-उत्पाद और अण्डों का सेवन करते हैं),अपने ही द्वारा बताए आहार के माप के अनुसार, अपने-आप को माँसाहारी बताने वाले लोगों के बराबर पशु-उत्पादों का निश्चित तौर पर सेवन करते हैं। ये सही मायने में शाकाहार नहीं है, बस एक प्रकार के पशु-उत्पाद की दूसरे प्रकार के पशु-उत्पाद से अदला-बदली है।”

फिर भी एकबारगी इन अण्डों को शाकाहार एलान करने वालों के तर्कों को भी बारीकी से समझने का प्रयास करते हैं। उनके मुताबिक शाकाहारी अण्डों में सिर्फ प्रोटीन और चर्बी होती है, जीव नहीं। वे मानते हैं कि जो अण्डे पौल्ट्री से मिलते हैं, वे शाकाहारी होते हैं। कुछ संकरित अंग्रेजी मुर्गियां जन्म के 18 हफ्तों के बाद अंडा देना शुरू कर देती हैं और ये उनकी प्राकृतिक रजोनिवृत्ति क्रिया है। इसलिए इन अण्डों के अनिषेचित होने के कारण उसे शाकाहारी कहा जाता है।

परन्तु अंडा चाहे निषेचित (fertilized) हो या अनिषेचित (infertile), उसमें जीवांश होता है। पूरे अण्डे में पीतक (yolk) का बहुत बड़ा भाग होता है। उसमें साइटोप्लाज्म नामक कोशिका-तरल होता है, जो निश्चित तौर पर जीवनयुक्त होता है। यह कहना सरासर गलत होगा कि अनिषेचित अंडा (मुर्गी द्वारा सेया न गया अंडा) जीव-रहित होता है। पार्थेनोजिनेटिक्स (अनिषेक जनन विज्ञान) में सिर्फ अनिषेचित अण्डों पर ही विचार किया गया है। पार्थेनोकार्पी विशेषज्ञ प्रमाणों के साथ सिद्ध करते हैं कि जीवों में बिना निषेचन के भी जनन संभव हैं। इसलिए अण्डों का निषेचन न होने का बहाना लेकर शाकाहारी कहना केवल एक व्यापारिक कपट है।

Sort:  

Congratulations @veganizer! You have completed the following achievement on the Hive blockchain and have been rewarded with new badge(s) :

You received more than 300 upvotes. Your next target is to reach 400 upvotes.

You can view your badges on your board And compare to others on the Ranking
If you no longer want to receive notifications, reply to this comment with the word STOP

To support your work, I also upvoted your post!

Do not miss the last post from @hivebuzz:

The Hive community is in mourning. Farewell @lizziesworld!
Support the HiveBuzz project. Vote for our proposal!