कितनी विचित्र होती है अग्नि। एक फूंक में यूं गायब हो जाती है जैसे वहां कभी थी ही नहीं और न जाने कहाँ से, माचिस की एक चिंगारी के साथ लौट भी आती है। यही अग्नि तत्त्व कुछ लोगों के भीतर योजनाओं को, कला को, रचना शक्ति को न जाने कहाँ से ले आती है, और कुछ लोगों के अंदर रचनात्मक शक्ति को यूँ ओझल कर देती है, की उनके लिए सृजनशीलता एक असंभव सा कार्य होता है।
पिछले लेख में पृथ्वी तत्त्व की मनुष्य में विशेषता हमने बताई थी। आज, आइये जानते हैं हमारे भीतर अग्नि क्या - क्या चमत्कार उत्पन्न करती है।
अग्नि की भस्म करने की शक्ति के द्वारा हम भीतर की नकारत्मकता को नष्ट कर सकते हैं। सारा अशुद्ध ज्ञान, गलत शिक्षा जो हमें मार्ग दिखाने की बजाए मार्ग से भटकाती है, उस का विनाश ये अग्नि तत्त्व ही करता है। अग्नि देव को सदैव पवित्र होने का वरदान मिला था इसलिए सारी अपवित्रता को वह समाप्त कर देता है भले ही वह वर्त्तमान की हो या भूतकाल की। अग्नि तत्त्व यदि हमारे भीतर कम हो जाये तो हमें कोई भी कुगुरु अपने वश में कर सकता है।
वहीँ यदि इसकी मात्रा अत्याअधिक हो जाए तो यह हम में बेवजह गुस्सा उत्पन्न कर सकती है, हमें तनाव ग्रस्त कर सकती है, बिन बात चिंता प्रदान कर सकती है, बेचैनी का शिकार बना सकती है, विचारों के बवंडर में हमें यूं डूबा सकती है कि हम उन बातों के लिए भी परेशान होने लगते हैं जो कभी होंगी भी नहीं। शांत चित्त, ठन्डे दिमाग व निर्विचारिता के लिए, अग्नि तत्त्व का संतुलन अति आवश्यक है।
संतुलित अग्नि तत्त्व आप घर में खाना बनाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं, दिया जला कर अँधेरा मिटाने में प्रयोग कर सकते हैं, सर्दियों में हाथ सेकने के लिए, पुरानी धातु को नया आकार देने के लिए और भी न जाने कितने रचनात्मक व आवश्यक कार्यों में इसका उपयोग हो सकता है, शर्त यही है कि ये संतुलन में हो। असंतुलित होते ही यही अग्नि हाहाकार मचा सकती है, लंका तक को राख कर सकती है। इसलिए हमें इस तत्त्व का महत्व नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
हमारे भीतर अग्नि के संतुलन के कारण ही हमारे खाने कि पाचन क्रिया संभव हो पाती है। नयी सोच का आगमन, कल्पना शक्ति का जागरण, कला से सम्भंदित अवधारणाएं, रचना व प्रेरणा का स्त्रोत ये अग्नि तत्त्व ही है। ये हमें तेजस्वी बनाता है और हमारे आलस्य को भी दूर करता है।
यदि आप भी अपने भीतर अग्नि तत्त्व को संतुलित करना चाहते हैं तो मुझे instagram पर @himshweta_vijayran या email :- himshwetav@gmail.com पर संपर्क करें । ये पूर्णतः निशुल्क है, इसके लिए आपसे कभी भी कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।