Diary Entry on Trip to Dharamshala

in #hindi4 years ago

मक्लिओद गंज, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
सोमवार
२५/६/२०१८
प्रिय डायरी,
३ दिन पहले मैं, मेरा परिवार और हमारे पारिवारिक मित्रो ने धर्मशाला के लिए ट्रैन पकड़ी थी | हमारा सफर लगभग ५ घंटे का था | ट्रैन से हम पठानकोट ट्रैन स्टेशन पर पहुंचे और एक ट्रैवलर बस में अपनी यात्रा शुरू करि | हम रस्ते में एक ढाबे पर रुके और चढ़ाई शुरू करदी | ट्रैन के सफर के दौरान कोई ठीक से सो नहीं पाया - बेहद. शोर के वजे से हम सब की नींद अधूरी थी | इसलिए हमने एक घंटे नींद निकली ट्रैवलर बस में और बाकि वक्त अंताक्षरी जैसी खेल खेले | हमारा बस ड्राइवर धर्मशाला बहुत बार अत था इसलिए हमने उनसे काफी बात-चित की जिससे की हम अपने मंज़िल के बारे में किसी ग्राहक से सुने | मैंने सिर्फ गूगल सर्च किया था लेकिन इस ड्राइवर ने हमे कुछ ऐसी चीज़ें बताई धर्मशाला के बारे में के हम सब चौक गए | उन्होंने बताया की दलाई लामा यहाँ २ दिन पहले आये थे और चले गए | मैं बहुत उदास होगया - हलाकि मुझे पता भी नहीं था की दलाई लामा का घर यही पर है लेकिन मुझे ऐसे लगा की मैंने एक बहुत बड़ा मौका गवा दिया | लेकिन जल्द ही हम धर्मशाला के मक्लिओद गंज में पहुंच गए और अपने होटल में भोजन किया | होटल पर मैंने धर्मशाला का मशहूर थुपका खाया और वोह बहुत ही स्वैश्ट था | भोजन के बाद हम एक बौद्ध आश्रम में गए जहाँ हमने बौद्ध को अपनी पूजा करते हुआ देखा और एक साधु से बात भी की | उन्होंने बताया की यहाँ सारे बचे अनर्थ है और वह यही अपनी पढाई करते है और उन्होंने और भी बहुत कुछ बताया लेकिन मैंने उस वक्त ज़्यादा ध्यान नहीं दिया क्युकी मैं बहुत थक चूका था | अगले दिन हम सब ट्रेक के लिए निकल गए | ट्रेक के दौरान बहुत माज़ा आया, रास्ता बहुत कठिन था कुछ जगाओं पर लेकिन जब में पर्वत के छोटी पर पंहुचा तोह नज़ारा देख कर मैं चौक गया | इतना खूबसूरत नज़ारा बहुत काम लोग को नसीड होता है क्योंकि मुझे कैंपिंग साइट से कैलाश पर्वत दिख रहा था | हमने रात बिठाई उधर ही और अगले दिन वापिस आगये | फिर हमने थोड़ी बहुत किराधारी करि और थुपका खाया | फिर हम होटल आये और अभ ारेगंटीना वस नाइजीरिया देखेंगे | काश अर्जेंटीना जीत जाये |

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