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*अंधे को मंदिर आया देखकर*
*लोग हंसकर बोले की,*
*मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो*
*पर क्या भगवान् को देख पाओगे ?*
*अंधे ने मुस्कुरा के कहा की,*
*क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान्*
*तो मुझे देख लेगा.* 🍂
द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सही होना चाहिए !!
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इंसानियत इन्सान को
इंसान बना देती है ,
लगन हर मुश्किल को
आसान बना देती है ।
लोग यूँ ही नहीं जाते
मंदिरों में पूजा करने
आस्था ही तो पत्थर को
भगवान बना देती है ।
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आप का दिन मंगलमय हो
☘☘☘☘☘☘☘☘ 🕉🙏🏻शुभ प्रभात
Ram ram sir