दुर्घटना में कट गये थे लड़की के दोनों हाथ ,डोक्टेर्स ने लड़के के हाथ लगा कर दी नई जिंदगी

in #girls7 years ago

दोस्तों आज चिकित्सा-विज्ञान ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है की दिमाग को छोड़ कर इंसान के किसी भी अंग को बदला जा सकता है चाहे वो दिल हो , आखे हो , नसे हो या पूरा का पूरा हाथ या पैर , इस समय भारत पुरे एशिया में मेडिकल टूरिज्म का हब बना हुआ है जहा रोज हजारो की संख्या में विदेशी लोग अपना इलाज करवाने आते है |

आज हम आपको भारत में हुए पहले ऐसे सफल ऑपरेशन के बारे में बताने जा रहे है जिसमे एक लड़की को किसी दुसरे आदमी के हाथ प्रत्यारोपित किये गए है , आपको बता दे की पूरी दुनिया में ऐसा सिर्फ 8 बार ऐसा हुआ है जिसमे किसी इंसान को दुसरे इंसान के हाथ लगाय गए हो और भारत का ये पहला ऐसा मामला है |

पुणे की रहने वाली श्रेया सिर्फ 19 साल की थी जब 2016 में उन्होने एक बस दुर्घटना में अपने दोनों हाथो के आगे का हिस्सा गवा दिया था और उन्हें बचाने के लिये डोक्टेर्स को कोहनियों तक उनका हाथ काटना पड़ा था क्युकी उनके हाथ में खतरनाक इन्फेक्शन हो गया था जिसे रोकने का एक मात्र उपाय येही था की उनके हाथो को काट दिया जाये , जब सिर्फ 19 साल की उम्र में किसी व्यक्ति के दोनों हाथ चले जाये तो मानो उसकी जिन्दगी ही समाप्त हो जाती है |

कुछ दिन पहले श्रेया के परिवार वालो को उसी हॉस्पिटल से फ़ोन आया जिसमे दुर्घटना के बाद उसका इलाज हुआ था , उन्होने बताया की आप फ़ौरन हॉस्पिटल आ जाईये क्युकी हो सकता है आपकी बेटी को उसके हाथ वापिस मिल जाये |

जब उनके परवार वाले हॉस्पिटल आये तो डोक्टेर्स ने उन्हे बताया की एक 20 वर्षीय लड़के सचिन की मोटर-साइकिल दुर्घटना में मृत्यु हो गयी है और क्युकी दोनों की उम्र एक सी है तो उनके हाथ श्रेया को लगाये जा सकते है , इसके बाद उन्होने हा कर दी और फिर शुरु हुआ एक ऐसा ऑपरेशन जो भारत में अपने किस्म का पहला ऑपरेशन था |

उनका ये ऑपरेशन करीब 13 घंटो तक चला जिसमे 20 से ज्यादा सर्जनों और 16 अनेस्थेसिया देने वाले डोक्टर शामिल थे , इन सब डोक्टेर्स को लीड कर रहे थे डॉ. सुभ्रमनिया अय्यर जो पुनर्निर्माण यानि (Reconstructive Surgery) के माहिर डोक्टेरो में से एक है |

जब भी किसी दुसरे इंसान के अंग किसी व्यक्ति को लगाय जाते है तो सबसे बड़ी परेशानी ये होती है की कही उस इंसान का शारीर उस अंग को बाहरी समझ कर उसे रिजेक्ट ना कर दे यानि उसे बाहरी हमलावर समझ कर उसे शारीर से जुड़ने ही ना दे , डॉक्टरों को इस बात की भी चिंता थी की किसी लड़के के हाथ किसी लड़की को लगाने से कही आगे चल कर तो कोई परेशानी नहीं होगी |

NTD-DOUBLE-HANDED-SURGERY-640x359.pngइसे श्रेया की किस्मत ही कह सकते है की अभी तक ऐसी कोई भी अस्वीकृति की परेशानी सामने नहीं आई है और अब उन्हें धीरे धीरे अपने हाथो का एहसास होने लगा है , डोक्टेर्स का कहना है की उनका हाथ 80 प्रतिशत तक ही काम करेगा और इसमें में भी करीब 2 साल का समय लगेगा |

डोक्टेर्स का कहना है की एक बार जब उनका हाथ शारीर से पूरी तरह जुड़ जायेगा तो उन्हें ऐसी कोई ख़ास परेशानी नहीं होगी पर उन्हें पूरी जिंदगी दवाईया जरुर लेनी पड़ेगी|

लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिये की ये सब उस लड़के की वजह से मुमकिन हुआ जिसने मरने के बाद भी किसी और को अपने अंग दान कर दिये ,भारत में आज भी कई ऐसे लोग thequint-2017-09-793a1537-088f-4587-82af-3ea8920eb7e6-4ec1e755-477c-4d4d-aa56-b893553d77de.jpg

Sort:  

Hi! I am a robot. I just upvoted you! I found similar content that readers might be interested in:
http://www.sabkuchjano.com/2018/01/28/girl-get-boy-hand-after-loosing-her-hands/

Congratulations @nextgenvoice! You received a personal award!

Happy Birthday! - You are on the Steem blockchain for 1 year!

Click here to view your Board

Support SteemitBoard's project! Vote for its witness and get one more award!

Congratulations @nextgenvoice! You received a personal award!

Happy Birthday! - You are on the Steem blockchain for 2 years!

You can view your badges on your Steem Board and compare to others on the Steem Ranking

Vote for @Steemitboard as a witness to get one more award and increased upvotes!