jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoDushyantनई उम्मीद नई सोच बेदाग छवि कुशल नेतृत्व युवा जोश सच का साथ भाई दुष्यन्त के साथ नया डंडा नया झंडा भाई दुष्यन्त जिंदाबाद ताऊ देवीलाल अमर रहें।jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoहिंदी भाषाहिंदी भाषा हिन्द की,ये है बीती बात अपने ही तो कर रहे ,हैं हिंदी से घात गली गली में खुल रही ,पर भाषा की हाट अधकचरा सा ज्ञान दे,जेब रहे हैं काट फ़ूले फ़ूले वो फिरें, ले अधकचरा…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoGood morningहमारे बुजुर्गों की स्याणी (अच्छी) बातें~अमल करें 1जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही ! 2 . जार की यारी वेश्या का ठिकाणा ठीक नही ! ख़ुशी के…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoBirthdayआया आया जन्मदिन है आया यशोदा के गोपाला का गईओं के ग्वाला का बलदाऊ के छोटे भैया का आया आया जन्मदिन है आया ... देवकी के नंदन का राधा के प्यार का मीरा के गिरिधर गोपाल का…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoभादो मासभादो का महीना आया... बीत गया सावन का महीना, बोल - बम बिन लागें सूना। कदम बढ़ाकर धीरे - धीरे, आ गया भादो का महीना । बालकृष्ण का जन्म दिवस, इसी माह में आएगा । मटकी फोड़ने…jaibirsingh (47)in #nive • 6 years agoकीमती बात🍁🌴📚✍कीमती बात✍📚🌴🍁 💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎 ✍🏻एक बार मीठे हलवे की कटोरी सामने आयी...तो ऐसे ही ध्यान आया की इसमें काजू,बादाम,सूजी यह सब तो दिखाई दे रहे हैं, पर जिस चीज से…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoFarmerजब उसने हल चलाया , था अपना पसीना बहाया भूख से बिलकते बच्चो के लिए तब मुट्ठी भर अन्न उगाया चीख कर कह उठी धरती जब उसने आँसू बहाया हे कुदरत तूने किसान का कैसा नसीब…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoजय हिंदमस्जिद से हरा ले आएं.. मन्दिर से केसरिया ले अाएं.. आओ सब मिलकर तिरंगा बनाएं.. आओ सब मिलकर तिरंगा लहराए.. आओ ऊंचा उठकर देखें.. मजहब की दीवार से.. आओ थोड़ा और आगे बढें..…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoसावनचलो आओ सखि उस पार चले, सावन रहा बुलाए। रिमझिमम बरसे मेघा मन बहका बहका जाए।। अम्बुआ की डाल पे कोयल मीठा राग सुनाय, दादुर,मोर पपीहा कोई वाद्य यन्त्र बजाए। मन करता है…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoGood morningएयरपोर्ट के बाहर लिखा सुंदर वाक्य : उड़ान बड़ी चीज होती है, रोज उड़ो पर शाम को नीचे आ जाओ 🛬 क्योंकि ..... आप की कामयाबी पर तालियाँ बजाने वाले और गले लगानेवाले सब नीचे…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoBanglesअक्सर लोगों को कहते सुना है कि चूडियाँ पहन कर घर में बैठो अर्थात चूडियाँ पहनने वाले हाथ बहुत कमजोर होते है ... पर मैं इससे सहमत नहीं इसके जवाव मे ही किसी ने ये रचना…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoGood morning"गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है, बढ़ते है जब हाथ उठाने को, अपनों का पता चलता है"। "जिन्हे गुस्सा आता है, वो लोग सच्चे होते है, मैने अक्सर झूठो को…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoKohli savan kiकोथली सामण की आया करती.... बूड्ढी बैट्ठी घर के बाहरणे छोरी पतासे बाट्टण आई करले दादी मुह नैं मिट्ठा मेरी मां की कोथली आई बूड्ढी बोल्ली के खाउं बेट्टा घर की बणी या चीज…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoDaughter[ 🌹 आज बिटिया दिवस की बधाई देश की सभी गौरव शाली बिटिया व उनके भाग्यशाली पापा और मम्मी को जिन्होंने कम से कम एक बिटिया को दो कुल की रक्षा के लिए जन्म दिया। 👸 आज बेटी…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoGood morning🙏🏻🌹💐💐🌹🙏🏻 परखता तो वक्त है, कभी हालात के रूप मे , कभी मजबूरीयों के रूप मे, भाग्य तो बस आपकी काबिलियत देखता है ! जीवन में कभी किसी से, अपनी तुलना मत…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoNice lines☄☘🌺 सुंदर पंक्ती 🌻🥀 कहीं ना कहीं कर्मों का डर है ! नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं पाप शरीर…jaibirsingh (47)in #nice • 6 years agoGood morning"आंसू" जता देते है, "दर्द" कैसा है? "बेरूखी" बता देती है, "हमदर्द" कैसा है? "घमण्ड" बता देता है, "पैसा" कितना है? "संस्कार" बता देते है, "परिवार" कैसा है? "बोली"…jaibirsingh (47)in #nice • 7 years agoCoverहमें यह नहीं पता कि क्या ढ़कना है और क्या खुला रखना है ?? हम को कवर चढ़ाने का बहुत शौक है | . बाज़ार से बहुत सुंदर सोफा खरीदेंगे लेकिन फिर उसे भद्दे सफेद जाली के कवर से ढक…jaibirsingh (47)in #nice • 7 years agoGood morningदुनिया में जितनी भी अच्छी बातें हैं सब कही जा चुकी हैं अब सिर्फ अमल करना बाकी है सुप्रभातjaibirsingh (47)in #nice • 7 years agoNow is whereबालकां की तख्ती, मास्टरां की सख्ती, सुबह-शाम की भक्ति, पहलवान की शक्ति, ईब कड़ै सै। नूण मिर्च की चटनी, देशी घी मक्खनी, पीत्तल की टोकनी, बहु जो मटकनी, ईब कड़ै सै।…